Mohabbat Tumse Bepanah Krta Hu - Poem by Ved
मोहब्बत तुमसे बेपनाह करता हूँ
मोहब्बत तुमसे बेपनाह करता हूँ,
मेरी जान, मैं तुम्हें याद बहुत करता हूँ।
इन रातों ने मुझे तुम्हारी याद में बहुत रुलाया है,
देखो ना, इन्होंने काजल भी तुम्हारा ही चुराया है।
हर बार मुझे ये रात तुम्हारी ही याद दिलाती है,
मेरी जान, तू आज बहुत याद आती है।
कोई जुगनू चमक रहा है — देखो, वो मुझे समझ रहा है,
जैसे पूछता हो: किसकी याद में आँसू बहा रहा हूँ?
मैं मुस्कुरा देता हूँ, वो चिढ़ाता है —
मैं उसको भगा देता हूँ।
मगर मेरी जान, कैसे बताऊँ तुम्हें,
मैं तुम्हें याद बहुत करता हूँ।
वही नहीं हैं, हैं तो मेरे साथी और भी,
इस रात में हैं कुछ राही और भी।
वो नदी जो कहती है मुझसे —
"मिलोगी कल तुम और भी।"
सयानी है वो, कहती है:
"मोहब्बत तुम्हें हमसे ज़्यादा ही और भी।"
वो पतंगे रात के, साथ हैं वो भी,
देखो, मुझसे बात करते हैं वो भी।
गौमुख से नाराज़ गंगा देख —
आँसू बहाते हैं कुछ वो भी।
मगर देखो, सुधरते नहीं ये,
मुझे रुलाते हैं और भी।
कहते हैं मानो, कि काजल तुम्हारा फैल चुका है रातों में —
उन्हें याद है मेरा वो वादा आज भी,
कि कहता था जो मैं उनसे:
"ना फैलने दूँगा काजल तुम्हारा और कभी।"
मानो कहते ही देखो, आँसू बहती हो तुम और भी,
काजल फैल रहा है और भी...
बर्बस तुम्हारी यादों में सुना करते ही रह जाते हैं,
देखो ना, तुम्हारी याद बहुत दिलाते हैं।
अचानक ये बताती है मुझे ठंडी बयार,
जो आती है मेरी खिड़की पर हिमालय से —
और कहती है: ले जाएगी मेरा पैग़ाम तुम तक,
क्योंकि हम हैं "हिम" — और हिमालय से।
मगर मैं ये नाता नया हिमालय और "हिम" का,
देखता हूँ, मैं पूछता हूँ उससे —
"समझाओ मुझे तुम ही।"
कहती है वो मुझसे, "मानो —
मुझमें मौजूद हो तुम, पहचान मेरी हो तुम ही।
और कहीं भी तुम हो, कितना ही दूर मुझसे —
घर रहता है तुम्हारा ये 'हिम' ही।"
अब तो फ़िज़ा भी याद देखो तुम्हारी ही दिलाती है,
मेरे पास अब तो हो जाओ — कि याद बहुत आती है।
मगर मैं जानता हूँ —
नफ़्स में वफ़ा ही सना हो ही जाती है।
तुमसे मैं होता हूँ,
तुमसे ही मेरी पहचान हो जाती है।
ख़ैर मेरी जान, रात बहुत है —
चाँद छुपा है बादल के पीछे,
मानो नाराज़ धरती से हो,
जैसे तुम हो जाती हो मुझसे।
जहाँ भी देखता हूँ, बस यही बात नज़र आती है —
लगता है प्रकृति भी तुमसे मिलाना चाहती है।
देखो, कैसे तुम्हारी याद में
मुझे रुलाना चाहती है...
मगर मेरी जान,
तुम्हारी याद बहुत आती है —
बहुत आती है।
— Written by Ved